बीते हफ़्ते देहरादून की नरम धूप में आयोजित विधानसभा बजट सत्र के दौरान धामी सरकार की ओर से पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इस राज्य में ‘सैंण सैंण’ और ‘गैरसैंण’ के बीच बढ़ती खाई को फिर से रेखांकित किया है. सैंण-सैंण यानी मैदान और गैरसैंण यानि पहाड़. वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए तैयार यह रिपोर्ट बताती है कि अब हरिद्वार जिले की प्रतिव्यक्ति आय रुद्रप्रयाग के मुकाबले पांच गुना अधिक हो चुकी है. यही नहीं, प्रति व्यक्ति आय के मामले में राज्य के पहाड़ी जिले अभी वहां खड़े हैं, जहां मैदानी जिले साल 2013-14 में खड़े थे. यानी ये रिपोर्ट साफ मुनादी करती है कि हमारे पहाड़ी जिले, हरिद्वार, देहरादून और उधमसिंह नगर के मुकाबले आर्थिक तरक्की के मामले में एक दशक पीछे छूट गए हैं. आप कह सकते हैं कि इस अमृत-काल में भी पहाड़ी जिलों में 2013 का ही कैलेंडर लटका हुआ है.