उत्तराखंड में जिस तेजी से अपराध बढ़ रहे हैं और राजनीतिक सौदेबाज़ी आम बात हो गई है, उससे यह सवाल स्वाभाविक हो गया है कि क्या उत्तराखंड राज्य का निर्माण अपराधियों और सौदेबाज़ों के लिए हुआ था?