आज के एक्स्ट्रा कवर की शुरुआत हमारी सरकार की कुछ उपलब्धियों से करते हैं. ऐसी उपलब्धियाँ जिनका प्रचार करने के लिए सूचना विभाग खूब मंड्याण लगा-लगा कर मुनादी कर रहा है कि भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ धामी जी ने भौं-कुछ फरका दिया है. आज ही उत्तराखंड DIPR यानी प्रदेश के सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग ने कुछ अख़बारों की कतरन साझा करते हुए पोस्ट किया है बल ‘जो भी भ्रष्टाचार करेगा उस पर होगी कठोर कार्रवाई: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.’ इस पोस्ट में अलग अलग अख़बारों की जो खबरें लगाई गई हैं उनमें हमारे नवकंज लोचन कंज मुख मुख्यमंत्री जी की तस्वीरों के साथ ही छपा है कि बीते 48 घंटों में विजिलेंस ने दो रिश्वत खोरों को रंगे हाथ पकड़ा. इसके अलावा बल विजिलेंस ने बीते 9 महीनों में 30 और बीते तीन साल में 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है. ये खबरें पढ़कर लगता है उत्तराखंड सरकार कितना अच्छा काम कर रही है और उसने भ्रष्टाचारियों की थिंचवाणी बना कर रख दी है. लेकिन क्या सच में ऐसा है? क्या धामी सरकार सच में भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ है या ख़ुद ही भ्रष्टाचारियों के साथ कमिशन का मीट-भात सपोड़ रही है? असल में हो ये रहा है कि 5-10 हजार की घूस खाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का ऐसा मंड्याण लगाया जा रहा है कि उसकी आड़ में सैकड़ों करोड़ के घोटाले करने वाले सल्टा दिए जा रहे हैं और कहीं कोई चर्चा तक नहीं हो रही.