नया साल आने को है और उत्तराखंड में ये साल चुनावी धमक के साथ आ रहा है. निकाय चुनावों के लिए नामांकन हो रहे हैं और क्या बक्की बात के हो रहे हैं. प्रदेश के नगरों और महा नगरों की सड़कें इन दिनों चुनावी रण-बाकुरों से पटी पड़ी हैं जो एक-एक बाइक पर चार-चार सवार होकर निकल रहे हैं. हेलमेट नाम की वस्तु इन नरमुंडों में खुज्याना मुश्किल है लेकिन एक जादुई टोपी या गमछा इनके पास जरूर होता है जिस पर अमूमन कांग्रेस का हाथ या भाजपा का कमाल छपा होता है. इस टोपी और गमछे का जादू ऐसा होता है कि इसे लगा लेने के बाद पुलिस का सर्वोच्च अधिकारी भी बाइक सवार का चालान नहीं काट पाता. लेकिन ये पूरा दृश्य एक कमाल का पैरडॉक्स रचता है. नियम-क़ानून और व्यवस्थाओं को पूठ मूड कुच्याता हुआ ये जन-समूह, शहरवासियों को ये विश्वास दिलाने के लिए निकला होता है कि उनका नेता जीता तो बल शहर की सारी व्यवस्थाएँ सुधर जाएँगी.