निकाय चुनावों की धूम है तो पूरे प्रदेश में कौथिक जैसा माहौल बना हुआ है. ‘ऐंसू चुनौं मा मज़ा ही मज़ा, रुपया भी पैसा भी ठम्म-ठम्म’ का मूल मंत्र जिन्होंने साध लिया है, उनकी इन दिनों पौ-बहार है. छुन्यालों की भी आजकल पूछ बढ़ गई और चुग्लैरों की फ़सक चाय की टपरियों से लेकर मोहल्ले के नुक्कड़ों तक को रौनक़ किए हुए है. लेकिन इन रंगीनियों के बीच भी एक काम पूरी शिद्दत से हो रहा है और वो है प्रदेश के संसाधनों को लूटने, बेचने और उनकी मवासी घाम लगा देने का काम. ताज़ा मामला हरिद्वार के मेडिकल कॉलेज का है जिसे अब निजी हाथों में सौंपा जा रहा है और आरोप लग रहे हैं कि इसमें हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार पनप रहा है.