उत्तराखंड के अलग-अलग पहाड़ी क्षेत्रों में बनने वाले पारंपरिक पहाड़ी स्नैक्स अब लगभग गायब हो चुके है. इन्हें दोबारा पहचान दिलाने और भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का एक शानदार प्रयास किया है Kapil Dobhal जी ने. उन्होंने देहरादून में अपने एक छोटे से outlet से इन खास व्यंजनों को रीवाइव करने की शुरुआत की.
उनकी दुकान भले ही छोटी हो, लेकिन उनका vision बड़ा है. ये सिर्फ स्वाद को नहीं, बल्कि पहाड़ी संस्कृति और परंपराओं को फिर से जीवित करने की कोशिश है. वो आज की पीढ़ी को इन व्यंजनों से जोड़ने और उनके असली स्वाद से परिचित कराने का काम कर रहे है.