हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड में बरसात आते ही सड़कों और पुलों के उखड़ कर बह जाने का सिलसिला जारी है. सीमांत पहाड़ी इलाक़ों से लेकर मैदान और तराई के इलाक़ों तक, बरसात हर साल हमारे विकास के दावों को आईना दिखा जाती है. वो ये कड़वा सच भी हमें याद करवा जाती है कि अचानक भारी बारिश का होना भले ही ‘Act of God’ हो लेकिन इस बरसात से होने वाले नुक़सान और करोड़ों की लागत से बने पुलों का काग़ज़ के महलों की तरह बह जाना, शुद्ध ‘Act of Fraud’ है. तमाम नियम क़ानूनों को ताक पर रख कर प्रदेश भर में जो खनन चल रहा है, उसके सबसे बड़े पैरोकार ख़ुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही हैं और इसमें उन्हें केंद्र सरकार का पूरा संरक्षण हासिल है.