उत्तराखंड में नई तरह की राजनीति का शिलान्यास हो चुका है?

  • 2025
  • 13:46

आज के एक्स्ट्रा कवर की शुरुआत उसी खबर से जो फ़िलहाल हर छुन्याल की फ़ेवरेट बनी हुई है. खबर ये कि भाजपा विधायक प्रेम चंद अग्रवाल ने आख़िरकार मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. हालाँकि उनकी पार्टी ने लम्बे समय तक उन्हें डिफ़ेंड करने के लिए मुंड-कपाल एक कर दिया था, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तो उनके बचाव में प्रदर्शनकारियों को सड़क छाप तक दिया था और मुक़दमा करने की धमकी भी दे दी थी लेकिन आख़िरकार शायद पार्टी को समझ आ गया कि ये मामला इतनी जल्दी ठंडा होने वाला नहीं है. वैसे तो प्रदेश की देवतुल्य जनता को हर तरह के नेता नसीब हुए हैं. घूस खाने वाले, कमिशन सपोड़ने वाले, भ्रष्ट, दलबदलू, चकडैत, फूँदया हर तरह के…. और जनता सबको बोक भी रही है. तो फिर प्रेम चांद अग्रवाल पर ही जनता इतनी खौं-बाघ क्यों बनी कि उसने उन्हें कुर्सी से उतरवाकर ही दम लिया. इस सवाल का जवाब गढ़वाली पख़ाणे में खोजा जा सकता है जो कहता है कि ‘ढ़ूँगै कचाग त मौलि जांद पर गिच्चो बोल्यूँ रै जांद.’

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