इस हफ़्ते ऐसी बिज्जां खबरें आई जिन पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए थी और इनमें से एक खबर तो ऐसी भी थी जिसे हर प्रदेश-वासी की ज़ुबान पर होना था. लेकिन इन दिनों विज्ञापनों के गर्भ-धारण से फूले हुए अख़बारों में इस खबर की कहीं वैसी चर्चा नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी. इसलिए पांच पन्ने पलटने के बाद जिन अख़बारों में पेज वन और पेज टू खुलते हैं, उनमें कहीं भी करोड़ों की जमीन की बन्दबाँट की ये खबर जगह नहीं बना पाई. जगह बनाती भी कैसे, ये खबर सरकार के साथ-साथ अख़बारों को सबसे ज़्यादा विज्ञापन देने वाले बड़े-बड़े पूँजीपतियों के ख़िलाफ़ जो थी.
तो चलिए आज के एक्स्ट्रा कवर की शुरुआत इसी खबर से करते हैं जिसे हमारे अख़बार ये मान कर पचा गए कि छोटे-छोटे राज्यों में बड़े-बड़े घोटाले होते रहते हैं सैनोरीटा.