विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस साल 22 अप्रैल से शुरू होने वाली है. केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा के अनुसार 22 अप्रैल को खुलेंगे. लेकिन इस वर्ष चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार और प्रशासन के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है. चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जहां एक ओर स्थानीय लोगों और सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है वहीं दूसरी ओर अब वहां होटलों में ठहरे स्थानीय लोगों को भी जल्द अन्य जगहों पर विस्थापित करना भी सरकार और प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. चमोली जिले में बद्रीनाथ के अलावा हेमकुंड साहिब है और इन दोनों धामों के लिए जोशीमठ मुख्य पड़ाव है. ऐसे में बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब आने वाले तीर्थयात्री जोशीमठ ठहरते हैं. लेकिन इस साल जोशीमठ में आई आपदा के चलते प्रशासन की ओर से स्थानीय लोगों को उनके घरों से हटा कर उनकी होटलों में रहने की व्यवस्था की है. लेकिन अब होटल कारोबारियों को यह चिंता भी सता रही है कि चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों व श्रद्धालु कहां रहेंगे. इसके अलावा होटल कारोबारियों ने प्रशासन को 31 मार्च तक होटलों को खाली कर प्रभावित लोगों के लिए कहीं अन्य जगह रहने की व्यवस्था करने की मांग की है. ताकि चारधाम यात्रा के दौरान उनका कारोबार चल सके. जोशीमठ व्यापार संघ का कहना है कि पहले ही आपदा के चलते उन्होंने भारी नुकसान उठाया है और अब चारधाम यात्रा शुरू होने से ठीक पहले ही होटलों के कमरे स्थानीय लोगों से फुल हैं, जो चिंता का एक बहुत बड़ा कारण है.