Retd IAS सुरेन्द्र सिंह पाँगती ने जनपद पिथौरागढ़ के सीमान्त क्षेत्र के एक शौका परिवार में 1 जनवरी 1940 को मुनस्यारी में जन्म लिया. अल्मोड़ा से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर वे तिब्बती भाषा के अध्ययन के लिये साल 1960 में दार्जिलिंग जनपद के कालिम्पोंग गए. साल 1962 में भारत पर चीन का हमला होने पर वे भारतीय सेना में इमर्जेन्सी कमीशन प्राप्त कर 3/3 गोर्खा राइफल में भर्ती हुए. युद्ध की समाप्ति पर 1968 में सैनिक सेवा से अवमुक्त होने पर उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और वर्ष 1969 में उत्तर प्रदेश कैडर में शामिल हो गए. रिटायरमेंट के बाद वे कई सामाजिक कार्यों में शामिल रहने के साथ लेखन में भी व्यस्त हुए और पंडित नैन सिंह, तंत्र विद्या, पौन परंपरा और नंदा देवी जैसे विषयों पर उनकी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. बारामासा के इस कार्यक्रम में देखिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ मीठी, कुछ तीती यादें..