उत्तराखंड में भूक़ानून और मूल निवास 1950 लागू करने की माँग एक बार फिर से आंदोलन का स्वरूप लेती दिख रही है. 24 दिसंबर के दिन देहरादून में एक महारैली का आयोजन किया गया है और प्रदेश के कई राजनीतिक-समाजिक संगठनों के साथ ही लोक गायकों और कलाकारों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है.
क्या है भू कानून और मूल निवास 1950 की माँग और क्या हैं इसके मायने, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी.