नरेंद्र सिंह नेगी को क्यों नहीं मिलता पद्म अवॉर्ड?

  • 2024
  • 10:43

भारतीय गणतंत्र की Diamond Jubilee होने के साथ ही कल देश के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान, Padma Awards की भी घोषणा हुई. केंद्र सरकार ने इस बार पांच विभूतियों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है. पद्मश्री की लिस्ट में इस बार देश की पहली महिला हाथी महावत पार्वती बरुआ और झारखंड के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव जैसे गुमनाम नायकों के नाम भी शामिल रहे. Uttarakhand से इसमें इतिहासकार और शिक्षाविद् डॉ. यशवंत सिंह कठोच का नाम शामिल है, जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री देने की घोषणा हुई है. कई किताबों के लेखक डॉ. कठोच रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं, जो वर्तमान में पौड़ी जिले के चौंदकोट में स्थित अपने गांव मासों में रहते हैं. बारामासा के कई कार्यक्रमों में भी आपने डॉ कठोच की किताबों का रेफ़्रेन्स कई बार सुना होगा. हम सबकी तरफ से डॉक्टर यशवंत सिंह कठोच को इस पुरस्कार की हार्दिक बधाई. उनका नाम पद्मश्री की लिस्ट में आने से उत्तराखंड का पूरा समाज गौरवान्वित हुआ है.   बावजूद इसके इस बार की पद्म अवॉर्डी लिस्ट भी उत्तराखंड के लाखों लोगों के दिल में फिर से वही टीस पैदा कर गई, जो पिछले कुछ सालों से नहीं, बल्कि दशकों से पैदा हो रही है. वो टीस है इस लिस्ट में हमारे समय के सबसे लोकप्रिय, जनपक्षीय गीतकार, लोकगायक और लोकनायक नरेंद्र सिंह नेगी का नाम न होने की.

Scroll to top